लेखनी कहानी -29-Nov-2022
अधूरी ख्वाहिशें
किसकी होती है पूरी ख्वाहिशें
रहती है कुछ न कुछ अधूरी ख्वाहिशें
किसी के प्यार की अधूरी ख्वाहिश
किसी से मोह की अधूरी ख्वाहिशें
तो किसी को किसी से मिलन की तड़प की ख्वाहिशें
जन्नत लगती है कभी कभी मुझे तो ये अधूरी ख्वाहिशें
मौत से मिलन की चाहत की ख्वाहिश
या हो फिर जिंदगी जीने की ख्वाहिश
वक्त हो कम पर उसे भरपूर जीने की ख्वाहिश
चाहे रहे अपने हमदम से मिलने की ख्वाहिश
मानती हूं बड़ा बेरहम होता है वक्त
पर वक्त को भी होती है अपना काम
वक्त से पूरा करने की ख्वाहिश
बेवक्त तो होती नही न पूरी कोई ख्वाहिश
जन्नत हो या दोजख उसकी भी होती है ख्वाहिश
चाहे वो हो ना पूरी क्यों कि न करे हो शायद वैसी गुजारिश
पर जब बात आती है खुद पर तो याद आती है अधूरी ख्वाहिश
आदि नही होती पूरी हर किसी की ख्वाहिशें
जिंदगी जीने के लिए भी जरूरी है कुछ अधूरी ख्वाहिशें
अदिति जैन
Gunjan Kamal
30-Nov-2022 08:49 AM
Nice 👍🏼
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Muskan khan
29-Nov-2022 06:34 PM
Well done ✅
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Khan
29-Nov-2022 05:30 PM
बहुत खूब 🌸
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